“कश्मीर रेजिस्टेंस”—एक ऐसा नाम जो हाल ही में सुर्खियों में आया, लेकिन इसके पीछे छिपा है एक गहरा आतंकी एजेंडा।
क्या यह नया संगठन है या पुराने ज़हर की नई बोतल?
इस आर्टिकल में हम जानेंगे:
- ‘कश्मीर रेजिस्टेंस’ क्या है?
- इसके पीछे कौन हैं?
- पाकिस्तान का क्या रोल है?
- और भारत की तैयारी क्या है?
🧨 ‘कश्मीर रेजिस्टेंस’ क्या है?
‘कश्मीर रेजिस्टेंस’ (Kashmir Resistance) हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए कुछ बड़े आतंकी हमलों की जिम्मेदारी लेने वाला नया नाम है।
इसका ज़िक्र सबसे पहले 2024 के अंत में हुआ, जब जम्मू के राजौरी और पुंछ ज़िले में सैन्य काफिलों पर हमले हुए।
👉 लेकिन यह संगठन पूरी तरह नया नहीं है।
यह एक नया छद्म (cover name) है जो पहले के आतंकी संगठनों जैसे:
- लश्कर-ए-तैयबा (LeT)
- हिजबुल मुजाहिदीन (HM)
- जैश-ए-मोहम्मद (JeM)
के छोटे छोटे गुटों को एकजुट कर रहा है, और नया नाम देकर आतंक की नई ब्रांडिंग कर रहा है।
📍 मुख्य उद्देश्य क्या है?
- नए रंगरूटों को बहकाना
- “रिज़िस्टेंस” शब्द से युवाओं को ऐसा दिखाया जाता है जैसे ये कोई फ्रीडम फाइटिंग मूवमेंट हो।
- पाकिस्तान का नाम छुपाना
- पुरानी आतंकी ब्रांडिंग से अब दुनिया सच जान गई है, इसलिए नए नामों से ISI खुद को पर्दे के पीछे रखता है।
- Hybrid War में फिट बैठना
- Social Media, Memes, WhatsApp ग्रुप्स के ज़रिए आतंकी प्रचार किया जा रहा है।
🕵️♀️ कौन चला रहा है ‘कश्मीर रेजिस्टेंस’?
🧠 मास्टरमाइंड: ISI (Inter-Services Intelligence) – पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी
पाकिस्तान अपने पारंपरिक आतंकी संगठनों को नए नामों से Relaunch कर रहा है ताकि:
- FATF जैसी एजेंसियों से बचा जा सके
- और भारत में नई आतंक की लहर फैलाई जा सके
‘कश्मीर रेजिस्टेंस’ = पुराना पाकिस्तानी आतंकवाद + नया डिज़िटल प्रचार
💣 अब तक कौन-कौन से हमले ‘कश्मीर रेजिस्टेंस’ ने किए?
- पाहलगाम हमला (अप्रैल 2025) – 26 यात्रियों की मौत
- राजौरी में फायरिंग (दिसंबर 2024) – 4 सैनिक शहीद
- डोडा में ग्रेनेड अटैक (जनवरी 2025) – 3 नागरिक घायल
हर बार कश्मीर रेजिस्टेंस नाम से बयान जारी कर ज़िम्मेदारी ली गई।
📲 कैसे करता है प्रचार?
- Telegram Channels
- Instagram Pages
- Encrypted WhatsApp Channels
- AI-generated Posters और Videos
इन प्लेटफॉर्म्स पर युवाओं को भड़काया जाता है,
उन्हें “शहीद” का दर्जा, जन्नत की गारंटी जैसे झूठे वादों से फंसाया जाता है।
🛡️ भारत की जवाबी कार्रवाई क्या है?
- ऑपरेशन ट्राइडेंट:
- LoC पर हाई अलर्ट
- एयरफोर्स की निगरानी
- NIA की डिजिटल मॉनिटरिंग
- Telegram और Dark Web पर निगरानी बढ़ाई गई
- Cryptic कोड्स और खातों की पहचान
- लोकल इनफॉर्मर्स और ह्यूमन इंटेलिजेंस
- कश्मीर में ग्राउंड रिपोर्टिंग और लोकल मदद से आतंकी ठिकानों की पहचान
- ड्रोन-जवाबी रणनीति:
- LoC पर घुसपैठ रोकने के लिए Israeli ड्रोन सिस्टम तैनात
🤔 क्यों खतरनाक है ‘कश्मीर रेजिस्टेंस’?
- नाम नया है, लेकिन सोच वही पुरानी — भारत में खून बहाना।
- इनका कोई face नहीं है, कोई headquarter नहीं — पूरी तरह से decentralized terror network।
- यह ‘idea based terrorism’ है, जो युवाओं को ब्रेनवॉश करता है।
📢 निष्कर्ष:
‘कश्मीर रेजिस्टेंस’ कोई आंदोलन नहीं,
ये पाकिस्तान द्वारा रची गई डिजिटल आतंक की नई चाल है।
भारत को इसके खिलाफ न सिर्फ सेना से, बल्कि सोशल मीडिया और माइंडसेट लेवल पर लड़ाई लड़नी होगी।