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Sukanya Samriddhi Yojana पर बड़ा झटका | नए नियम और बदलाव | जानें कैसे प्रभावित होंगे खाते

Sukanya Samriddhi Yojana(SSY) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी के दिल के करीब इस योजना में अच्छे ब्याज दर के साथ अधिकतम रिटर्न की गारंटी दी जाती है, जो बेटी की शिक्षा और शादी के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहारा बनती है। लेकिन हाल ही में सरकार ने इस योजना में कुछ नए नियम और शर्तें जोड़ी हैं, जो कई खाता धारकों को प्रभावित कर सकती हैं। आइए, इस लेख में विस्तार से समझते हैं कि इन बदलावों का आप पर क्या असर पड़ेगा।


क्या है सुकन्या समृद्धि योजना?

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) 2015 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य माता-पिता को अपनी बेटियों के भविष्य के लिए सुरक्षित बचत प्रदान करना है। योजना में खाता खोलने के लिए केवल ₹50 की आवश्यकता होती है, और इसमें अधिकतम निवेश सीमा ₹1.5 लाख है। योजना के तहत लगभग 8.2% ब्याज दिया जाता है, जो कि बाकी स्मॉल सेविंग स्कीम्स की तुलना में काफी अधिक है।

  1. खाता खोलने की आयु सीमा: जन्म से लेकर 10 साल तक की बच्चियों के लिए।
  2. अधिकतम निवेश सीमा: ₹1.5 लाख प्रति वर्ष।
  3. ब्याज दर: वर्तमान में 8.2% प्रति वर्ष।
  4. परिपक्वता: खाता खुलने के 21 साल बाद परिपक्व होता है या बच्ची के 18 साल का होने पर शिक्षा और विवाह के लिए आंशिक निकासी की अनुमति है।

नए नियम और बदलाव: किस प्रकार प्रभावित होंगे खाते?

हाल ही में सुकन्या समृद्धि योजना के तहत एक बड़ा बदलाव किया गया है। यह बदलाव ऐसे खातों को ध्यान में रखकर किया गया है, जिनमें बच्ची के माता-पिता के बजाय किसी और रिश्तेदार का नाम दर्ज है। नए नियम के अनुसार:

  1. केवल कानूनी अभिभावक ही खाता खोल सकते हैं: अब से खाते में केवल बच्ची के माता-पिता (नेचुरल अभिभावक) या कानूनी अभिभावक का नाम ही मान्य होगा। किसी भी अन्य रिश्तेदार का नाम खाते में नहीं हो सकता।
  2. खाता बंद होने का खतरा: यदि बच्ची का खाता उसके माता-पिता के नाम पर नहीं है, तो खाता बंद किया जा सकता है। इसका मतलब है कि संबंधित व्यक्ति को खाते को माता-पिता के नाम पर ट्रांसफर करना होगा।
  3. भ्रष्टाचार रोकने का कदम: कुछ लोगों ने इस योजना का गलत फायदा उठाकर बच्ची के नाम पर बड़े निवेश किए और मोटा ब्याज प्राप्त किया। नए नियमों के तहत, ऐसे फर्जी खातों को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है।
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क्यों किया गया यह बदलाव?

सरकार ने देखा कि कुछ लोग सुकन्या समृद्धि योजना का दुरुपयोग कर रहे थे। यह योजना बेटियों की शिक्षा और विवाह में सहायता के लिए बनाई गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने इसे निवेश का साधन बना लिया।

  1. धन संग्रह: योजना में अधिक ब्याज दर मिलने के कारण लोग अनजाने में रिश्तेदारों के नाम पर खाते खोलते थे, ताकि भविष्य में अधिक रिटर्न प्राप्त कर सकें।
  2. खाता ट्रांसफर का प्रावधान: सरकार ने उन खातों को ट्रांसफर करने का नियम लागू किया है, जहां बच्ची के माता-पिता खाता धारक नहीं हैं। इससे असली अभिभावक ही खाते का लाभ ले सकेंगे।
  3. फर्जी खातों का अंत: सरकार ने इस योजना को पारदर्शी बनाने के लिए नए नियमों को लागू किया है ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी रोकी जा सके।

खाता कैसे ट्रांसफर करें?

यदि आपके द्वारा सुकन्या समृद्धि खाता खोला गया है, लेकिन वह बच्ची के माता-पिता के नाम पर नहीं है, तो इस खाते को ट्रांसफर करना जरूरी होगा। यह प्रक्रिया निम्नलिखित है:

  1. बैंक या पोस्ट ऑफिस जाएं: खाता खोलने वाले स्थान पर जाकर खाता ट्रांसफर के लिए आवेदन करें।
  2. दस्तावेज़ प्रस्तुत करें: माता-पिता का आधार कार्ड, पैन कार्ड, और बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र जमा करें।
  3. ट्रांसफर शुल्क: इस प्रक्रिया के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगेगा।
  4. सत्यापन: एक बार खाता माता-पिता के नाम पर ट्रांसफर हो जाने के बाद, सभी रिकॉर्ड अपडेट कर दिए जाएंगे और खाता जारी रहेगा।

4 लाख खातों पर क्यों मंडरा रहा खतरा?

सुकन्या समृद्धि योजना के तहत कुल 4 लाख ऐसे खाते हैं, जिनमें बच्चियों के माता-पिता का नाम नहीं है, बल्कि किसी अन्य रिश्तेदार का नाम दर्ज है। इन खातों को नए नियमों के तहत बंद किया जा सकता है यदि इन्हें समय रहते माता-पिता के नाम पर ट्रांसफर नहीं किया गया।

  1. संभावित खाता बंदी: जो खाते नए नियमों का पालन नहीं करते, उन्हें अक्टूबर से बंद किया जा सकता है।
  2. अनाथ बच्चियों के लिए प्रावधान: जिन बच्चियों के माता-पिता नहीं हैं, उनके लिए कानूनी अभिभावक का नाम ही मान्य होगा।
  3. भविष्य की योजना: सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि इस योजना का सही लाभ उन्हीं को मिले, जिनके लिए यह योजना बनाई गई है।

सुकन्या समृद्धि योजना में खाता बंद होने के अन्य कारण

  1. आयु सीमा का उल्लंघन: खाता केवल 10 साल तक की बच्चियों के लिए खोला जा सकता है। इसके बाद नए खाते नहीं खोले जा सकते।
  2. अनियमित निवेश: यदि खाते में लगातार 15 साल तक निवेश नहीं किया गया है, तो खाता निष्क्रिय हो सकता है।
  3. गलत जानकारी: यदि खाता खोलते समय गलत जानकारी दी गई है, तो इसे बंद किया जा सकता है।

नए नियमों का पालन कैसे करें?

यदि आपके पास सुकन्या समृद्धि योजना में खाता है, तो निम्नलिखित सुझावों का पालन करें:

  1. सभी दस्तावेज़ सही रखें: अपने सभी दस्तावेजों को सही तरीके से अपडेट रखें।
  2. नियमित निवेश करें: खाता निष्क्रिय न हो, इसके लिए नियमित निवेश करना आवश्यक है।
  3. बैंक और पोस्ट ऑफिस से संपर्क करें: अगर कोई संदेह हो, तो अपने नजदीकी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर जानकारी प्राप्त करें।

माता-पिता के लिए योजना के फायदे

  1. बेटी के भविष्य के लिए सुरक्षित बचत: यह योजना माता-पिता को बेटी की शिक्षा और विवाह के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता देती है।
  2. कर लाभ: योजना में किए गए निवेश पर आयकर में छूट मिलती है।
  3. ब्याज दर: इस योजना में दी जाने वाली ब्याज दर अन्य बचत योजनाओं की तुलना में अधिक है, जिससे निवेश सुरक्षित और लाभदायक बनता है।

निष्कर्ष

सुकन्या समृद्धि योजना में किए गए नए नियमों का उद्देश्य इसे और अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना है, ताकि बेटियों को इसका सही लाभ मिल सके। माता-पिता को चाहिए कि वे समय पर अपने खाते की स्थिति को सत्यापित करें और सुनिश्चित करें कि खाता सही ढंग से माता-पिता के नाम पर ट्रांसफर हो। योजना में किए गए बदलाव से उन लोगों पर प्रभाव पड़ेगा, जिन्होंने इसका दुरुपयोग किया था।

यदि आपके पास इस योजना से जुड़े अन्य सवाल हैं, तो आप अपने नजदीकी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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